Self Finance का हिंदी अर्थ होता है ‘स्ववित्तपोषित’, अगर हम ध्यान दें तो हम देखेंगे कि सेल्फ फाइनेंस में दो शब्द (Words) हैं-
- पहला है ‘Self’ जिसका हिंदी में मतलब होता है ‘स्वयं’ और
- दूसरा है ‘Finance’ जिसका हिंदी में मतलब होता है ‘वित्त या अर्थव्यवस्था या पूंजी लगाना या फिर आय-व्यय का प्रतिबंध करना’
अर्थात ऐसी व्यवस्था जिसे स्वयं की पूंजी लगाकर संचालन की जाए उसे सेल्फ फाइनेंस (Self Finance) या स्ववित्तपोषित कहा जाता है।
Self Finance या स्ववित्तपोषित शब्द हमें तब देखने को मिलती है जब हम इंटरमीडिएट यानी कि कक्षा 12 के बाद उच्च शिक्षण संस्थान जैसे कि स्नातक (Undergraduate) या परास्नातक (Postgraduate) Course में प्रवेश लेने के लिए जाते हैं। वहां यह शब्द हमें पहली बार देखने को मिलती हैं।
अक्सर इस शब्द को लेकर लोग संशय (Confuse) रहते हैं। हमने इस पोस्ट में सेल्फ फाइनेंस कॉलेज और सेल्फ फाइनेंस कोर्स को विस्तार से बताने की कोशिश की है। हमें आशा है कि इसे पढ़ने के बाद आपके सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे।
What is Self Finance College? | स्ववित्तपोषित शिक्षण संस्थान क्या होता है?
आप सभी ने कभी ना कभी Government College (सरकारी कॉलेज) या प्राइवेट कॉलेज (Private College) के बारे में जरूर सुना होगा। दरअसल प्राइवेट कॉलेज को ही सेल्फ फाइनेंस कॉलेज (Finance) कहां जाता है। जी हां, प्राइवेट कॉलेज को ही Self Finance College के नाम से जाना जाता है।
सरकारी कॉलेज (Government College) को रेगुलर कॉलेज भी कहा जाता है। बेहतर शिक्षा संचालन के लिए सरकारी संस्थाओं में सरकार द्वारा वित्तीय सहायता (Funds) प्रदान की जाती है। वहीं स्ववित्तपोषित (Self Finance) कॉलेज की बात करें तो यहां बेहतर शिक्षा संचालन के लिए सरकार कोई भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है।
साथ ही इन संस्थाओं में क्लासरूम, लैबोरेट्री, फर्नीचर आदि के निर्माण या शिक्षकों के वेतन के लिए सरकार कोई भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है, बल्कि इन सभी का खर्च यह स्ववित्तपोषित कॉलेज खुद ही उठाती हैं। इसलिए Self Finance शिक्षण संस्थानों की फीस थोड़ी ज्यादा होती है।
Difference between Government College or Regular College and Private College or Self Finance College | सरकारी कॉलेज और स्ववित्तपोषित कॉलेज में अंतर
सरकारी व प्राइवेट संस्थाओं के बीच के अंतर को नीचे तालिका (Table) में प्रदर्शित किया गया है-
Government (सरकारी) College | Self Finance (Private) College |
---|---|
1. इन संस्थाओं को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। | 1. इन संस्थाओं को सरकार द्वारा कोई भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती है। |
2. क्लासरूम, लैबोरेट्री, फर्नीचर और शिक्षकों की सैलरी का खर्च सरकार खुद उठाती है। | 2. क्लासरूम, लैबोरेट्री, फर्नीचर और शिक्षकों की सैलरी का खर्च कॉलेज को खुद उठानी पड़ती है। |
3. इसे यूजीसी (UGC) से मान्यता प्राप्त होता है। | 3. इसे भी यूजीसी (UGC) से मान्यता प्राप्त होता है। |
4. इन कॉलेज में फीस कम लगता है। | 4. इन कॉलेज में, सरकारी कॉलेज की तुलना में ज्यादा फीस लगता है। |
5. इन कॉलेज के लिए एजुकेशन लोन आसानी से मिल जाती है। | 5. इन कॉलेज के लिए एजुकेशन लोन आसानी से नहीं मिलती है। |
What is Self Finance Course? | स्ववित्तपोषित कोर्स क्या होता है?
अब तक आप सेल्फ फाइनेंस शब्द से परिचित हो चुके होंगे। सेल्फ फाइनेंस कॉलेज की तरह ही Self Finance Course भी प्राइवेट कोर्स के नाम से जाना जाता है। Self Finance कोर्स के संचालन के लिए सरकार कोई भी वित्तीय सहायता नहीं देती। अर्थात इस कॉलेज के संचालन के लिए सभी खर्च कॉलेज या यूनिवर्सिटी को खुद ही उठाने पड़ते हैं। सेल्फ फाइनेंस कोर्स के संचालन में उपयोग होने वाली जमीन, मकान, शिक्षकों की सैलरी आदि सब कुछ स्वयं व्यवस्थित करना पड़ता है।
इसीलिए इन कोर्स की फीस रेगुलर कोर्स की फीस की तुलना में ज्यादा होती है। अक्सर देखा गया है कि इन कोर्सेज के लिए एजुकेशन लोन लेना काफी मुश्किल होता है। सामान्यतः इनके लिए एजुकेशन लोन मिलता ही नहीं है।
ऊपर बताई गई बातों का सीधा सा मतलब यह है कि Self Finance Course ऐसे कोर्स है जिनके संचालन के लिए सरकार कोई भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है।
इन्हें और अच्छे से समझने के लिए चलिए देखते हैं कि रेगुलर कोर्स और सेल्फ फाइनेंस कोर्स में क्या अंतर है?
Regular Course | Self Finance (Private) Course |
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1. इस कोर्स के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है। | 1. इस कोर्स के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है। |
2. कोर्स के संचालन के लिए उपयोग में आने वाली क्लासरूम, लैबोरेट्री, फर्नीचर और शिक्षकों की सैलरी का खर्च सरकार खुद उठाती है। | 2. कोर्स के संचालन के लिए उपयोग में आने वाली क्लासरूम, लैबोरेट्री, फर्नीचर और शिक्षकों की सैलरी का खर्च कॉलेज को खुद उठानी पड़ती है। |
3. इन Course के लिए एजुकेशन लोन आसानी से मिल जाती है। | 3. इन Course के लिए एजुकेशन लोन आसानी से नहीं मिल पाती। |
4. इसके अंतर्गत आने वाले सभी कोर्स के लिए फीस कम लगती है। | 4. इसके अंतर्गत आने वाले सभी कोर्स के लिए फीस थोड़ा ज्यादा लगती है। |
5. इन Course के लिए स्कॉलरशिप मिलती है। | 5. इन Course के लिए स्कॉलरशिप आसानी से नहीं मिल पाती। |
Self Finance से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:-
- सेल्फ फाइनेंस कॉलेज को भी गवर्नमेंट कॉलेज की तरह यूजीसी (UGC) – The University Grants Commission से मान्यता प्राप्त रहती है अर्थात दोनों की कॉलेज को यूजीसी (UGC) द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।
- Self Finance Courses के अंतर्गत B.A., B.Sc., B.Com., M.A., M.Sc., M.Com., B.Tech., B.C.A., M.C.A., M.B.A. आदि आ सकते हैं।
- दोनों ही कॉलेज से प्राप्त डिग्री एक समान होता है, डिग्री में कोई अंतर नहीं होता है।
- Self Finance कोर्स का संचालन किसी भी गवर्नमेंट कॉलेज या प्राइवेट कॉलेज या फिर Added कॉलेज में हो सकता है।
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हम आशा करते हैं कि अब आप अच्छे से समझ चुके होंगे की सेल्फ फाइनेंस कॉलेज और सेल्फ फाइनेंस कोर्स क्या होते हैं? इस पोस्ट को लेकर आपकी क्या राय है? आप कमेंट करके जरूर बताएं, हमें आपके कॉमेंट का इंतजार रहता है। धन्यवाद!